बस तुम्हारे लिए

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ये उम्मीद न रख
मुझसे कि मैं लिखूँगा कोई प्रेम गीत
जिसे  गाऊँगा मैं सबके सामने

अपने उन अहसासों को 
किसी महफ़िल में 
दूँगा मैं जबां 
जिन्हें महसूसा है मैंने,
तुम्हे देखने के बाद

मैं हूँ एक स्वार्थी प्रेमी,
और वो शब्द रहेंगे केवल हमारे,
मैं कहूँगा उन एहसासों सिर्फ तुम्हारे कान में,
ताकि मेरे साँसों की तपिश से तुम जान सको

कि वो केवल शब्द नहीं हैं
वो मेरे होने का सबूत है
जो है 
केवल तुम्हारे लिए
बस तुम्हारे लिए

© विकास नैनवाल 'अंजान'

15 टिप्पणियाँ

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  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १२ जुलाई २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

      हटाएं
    2. जी मेरी रचना को अपनी पोस्ट में जगह देने के लिए शुक्रिया।

      हटाएं
  2. बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति ।

    जवाब देंहटाएं
  3. मैं हूँ एक स्वार्थी प्रेमी,
    और वो शब्द रहेंगे केवल हमारे,
    मैं कहूँगा उन एहसासों सिर्फ तुम्हारे कान में,
    ताकि मेरे साँसों की तपिश से तुम जान सको
    वाह!!!!
    तुम्हारे लिए....बहुत खूबसूरत रचना।

    जवाब देंहटाएं
  4. गज़ब की रचना...शब्द और भाव दोनों अद्भुत...अंतिम पंक्तियाँ तो बेमिसाल हैं

    जवाब देंहटाएं

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