पुस्तक के विषय में
कहानी
छः माह से खाली बैठे प्राइवेट डिटेक्टिव डेविड फेनर को जब उस खूबसूरत युवती के आने की खबर मिली तो उसे लगा था कि शायद अब उसे कोई केस मिलेगा। वह कहाँ जानता था कि वह औरत अपने साथ मुसीबतों और रहस्यों का ऐसा झंझावात लेकर आएगी कि उसका अपनी जान बचाना दूभर हो जाएगा।
अब हर चाल पे उसे ऐसी चाल चलनी पड़ेगी जो उसे मौत से दूर और सच्चाई के करीब लेकर आएगा। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा था… वह हर चाल पर मौत के नजदीक और सच्चाई से दूर जाता जा रहा था…
पुस्तक विवरण
नाम: चाल पे चाल | लेखक: जेम्स हेडली चेइज | अनुवादक: विकास नैनवाल | पृष्ठ संख्या: 230 | पुस्तक लिंक: सूरज पॉकेट बुक्स, अमेज़न - पेपरबैक, अमेज़न - किंडल, साहित्य विमर्श प्रकाशन
पाठक मित्र और उनके पाठकीय विचार
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डॉ. हरीश गुप्ता , प्रोफेसर अचार्या नरेंद्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी, बभनान गोंडा, उ प्र |
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श्री हीरा वर्मा, नागपुर |
मूल उपन्यास : डॉल्स बैड न्यूज
लेखक : जेम्स हेडली चेइज़
हिंदी संस्करण : चाल पे चाल
अनुवादक : विकास नैनवाल सर
पृष्ठ संख्या : 232
एमआरपी : 290
प्रकाशन : बुकेमिस्ट सूरज पॉकेट बुक्स
श्रीमान लेखक विकास नैनवाल सर जी जो बधाई एंव शुभकामनाएं "चाल पे चाल" के लिए
हालांकि मैं जेम्स हेडली चेइज़ के अनुवादित उपन्यास कतई न पढ़ता हूं
क्योंकि किताब तो अनुवादित रहती है पर ससुरी जे अंग्रेजो वाले किरदार के नाम न जेहन में बैठते ही न ह
हम तो रमेश सुरेश मान के चलते है
गर नामों को छोड़ दें तो सर जी का अनुवाद गज्जब का है, सरल भाषा मे है
कहानी का नायक फ़ैनर ( मैं विकास नाम जेहन में रख के पढा ) जो कि एक प्राइवेट डिटेक्टिव है
कैसे सर ओखली में दे देता है
मतलब
छ माह से खाली बैठे प्राइवेट डिटेक्टिव डेविड फेनर (विकास) को जब उस खूबसूरत युवती के आने की खबर मिली तो उसे लगा था कि शायद अब उसे कोई केस मिलेगा।
वह कहीं जानता था कि वह औरत अपने साथ मुसीबतों और रहस्यों का ऐसा झन्झट लेकर आएगी कि उसका अपनी जान बचाना दूभर हो जाएगा।
अब हर चाल में उसे ऐसी चाल चलनी पड़ेगी जो उसे मौत से दूर और सच्चाई के करीब लेकर आएगा। लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा था.....
वह हर चाल पर मौत के नजदीक और सच्चाई से दूर जाता जा रहा था...
फिर क्या होंगा पढ़ के देखिए
सब कुछ हम ही बता दें क्या
वैसे 5 अध्याय है, जल्द समाप्त हो जाएंगे
हैप्पी रीडिंग
स्रोत: व्हाट्सप्प | आमेज़न
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श्री विशाल गुप्ता जी, पुणे |
विशाल गुप्ता जी पुणे में रहते हैं और उपन्यासों से शौकीन हैं। उन्होंने अपनी राय थ्रिलवर्ल्ड नामक व्हाट्सएप समूह में भेजी है। अमेज़न कई बार रिव्यूज़ को deny कर देता है तो वो रिव्यू का स्क्रीन शॉट उधर भेज देते हैं। आप भी पढ़िए:
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श्री आबिद बेग, भोपाल |
- Rakesh kumar, स्रोत: अमेज़न
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श्री दिलशाद अली |
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श्री आशुतोष मिश्र, शिक्षक, आजमगढ़, उ प्र |
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श्री विकास डावर, व्यवसायी, नजीबाबाद |
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श्री पुरषोत्तम सिंह, गया, बिहार |
सबसे अच्छी फोटो तो विशाल भाई की आयी है.... 😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍.... 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंजी सही कहा...
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